मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू आज प्रदेश सरकार की महत्त्वाकांक्षी पहल ‘सरकार गांव के द्वार’ के तहत जिला शिमला के चौपाल उपमंडल की कुपवी तहसील के टिक्कर गांव पहुंचे। सादगी और संजीदगी से परिपूर्ण ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का टिक्कर वासियों ने ग्रामीण परिपाटी से स्वागत किया। शाम ढलते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपने घर-द्वार पर पाकर ग्रामवासी सर्द मौसम में भी गर्मजोशी से विभोर हो गए।राह चलते हुए मुख्यमंत्री ने बच्चों, बुजुर्गांे, महिलाओं सभी से संवाद किया। इस दौरान ग्रामवासियों ने अपनी समस्याओं के बारे में भी मुख्यमंत्री को अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने मौके पर ही अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए और समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करने को कहा।
इसके उपरांत मुख्यमंत्री कुपवी के टिक्कर गांव निवासी हरि सिंह के घर पहुंचे। हरि सिंह ने ग्रामीण परंपरा के अनुसार मुख्यमंत्री का अभिनन्दन किया। उनके घर पर अलाव सेंकते-सेंकते मुख्यमंत्री ने ग्रामवासियों से क्षेत्र में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा व्यवस्था की भी जानकारी ली।मुख्यमंत्री ने ग्रामीण लहज़े में संवाद कर यह जानने का प्रयास किया कि लोगों को यहां किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर शरद ऋतु में किन जनसेवाओं में व्यवधान आता है। लोग भी बिना संकोच खुले मन से अपनी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखते रहे।
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वह हर बात को गौर से सुनते और लोगों की समस्याओं को करीब से जानने का प्रयास करते।मुख्यमंत्री ने लोगों से सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में भी खुलकर बात की। लोगों से फीडबैक भी लिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहली बार तहसील और उप-तहसील स्तर पर विशेष राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर वर्षों से लंबित राजस्व मामलों का समयबद्ध समाधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कानून में संशोधन कर तकसीम और दुरूस्ती के मामलों का निपटारा करने की समयावधि नौ महीने, निशानदेही के मामलों की तीन महीने और इंतकाल के मामलों की अवधि एक महीना निर्धारित की है।
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मुख्यमंत्री ने दूध पर एमएसपी, मक्की और गेहूं की खरीद सहित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को बताया। मुख्यमंत्री ने ग्रामवासियों से स्थानीय लोक संस्कृति, रीति-रिवाजों, व्यंजनों सहित अनेक विषयों पर भी बातचीत की। उन्होंने लोक संगीत की मधुर स्वर लहरियों और स्थानीय व्यंजनों का भी आनन्द लिया। परस्पर सामाजिक जुड़ाव से दूर-दराज क्षेत्रों की समस्याओं को जानने की इस पहल के सकारात्मक परिणाम टिक्कर गांव के वासियों के स्नेहभाव में स्पष्ट नजर आए। टिक्कर निवासी संतोष कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री हमारे घरद्वार आएंगे ऐसी तो हमने कल्पना भी नहीं की थी। आज तो मानो कई कहावतें गलत साबित हो रही हैं। शासन-प्रशासन ने हमारे गांव आकर हमारे दुःख तकलीफ को जाना और समाधान भी किया।लायक राम ने कहा कि ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू जुनूनी व्यक्ति हैं, वरना वह इतनी दूर से हमारे गांव क्यों आते। यही व्यवस्था परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने कुपवी में रात्रि को ठहराव किया और आम आदमी के घरद्वार आए, इससे पहले वह डोडरा-क्वार में भी सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के तहत रात्रि को रूके थे और लोगों के घरद्वार जाकर उनकी समस्याओं का समाधान किया था। रीना देवी ने कहा कि जमीन से जुड़ा हुआ व्यक्ति ही ऐसी सोच से आगे बढ़ सकता है। जन सेवा की भावना को ऐसे ही प्रयासों से चरितार्थ किया जा सकता है। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, प्रदेश कांग्रेस महासचिव रजनीश किम्टा व अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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