प्रदेश के स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता सैनिक कल्याण मंत्री डा कर्नल धनी राम शांडिल ने एक दिवसीय कार्यशाला में हिस्सा लिया।इस मौके पर केबिनट मंत्री डॉ कर्नल धनी राम शांडिल कहा कि संस्कार ही सबसे बड़ी शक्ति है। आज के समय में हमें संस्कारित होना अति आवश्यक है। बचपन से ही बच्चों संस्कारों के प्रति जागरूक किया जाए। जिस तरह डिग्री की अहमियत जीवन में होती है। उसी तरह संस्कारों की अहमियत भी होती है। अगर आप संस्कारित होंगे तो अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकते है। आज लड़कियां हर क्षेत्र में आगे है।उन्होंने कहा कि आज देश भर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की अनेकों घटनाएं हो रही है।
देश में सख्त कानून भी लागू किए गए है। इन कानूनों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार और प्रशासन काफी सक्रिय भूमिका निभा रहें है। हाल ही में केंद्र सरकार ने समय के मुताबिक नए कानूनों को लागू किया गया है ।उन्होंने कहा कि एक दिवसीय कार्यशाला में युवा पीढ़ी को कानूनों के बारे में जागरूक करने के लिए बेहतरीन प्रयास किए गए है। अब युवा पीढ़ी कानूनों के बारे में जागरूक होगी तो महिला के खिलाफ हो रहे अपराधों के विरूध न्याय हासिल कर सकती है।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल कर दी है। देश में अब हिमाचल ऐसा प्रावधान करने वाला पहला राज्य बना है। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि के तहत महिलाओं के लिए हित में बड़ी योजना को लागू किया गया है। वही प्रदेश में बेसहारा बच्चों को प्रदेश सरकार ने चिल्ड्रन आॅफ द स्टेट का दर्जा दिया है। वहीं सुख आश्रय योजना को भी लागू किया गया है।
सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग आशीष सिंहमार ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है। अब कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और बढ़ाने के लिए शी-बॉक्स पोर्टल लॉन्च किया गया है। इस केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के पंजीकरण और निगरानी को कारगर बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का जागरूक करने के लिए इस तरह की कार्यशालाओं को आयोजन विभाग प्रदेश भर में कर रहा है।कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. अनुरीता सक्सेना के संबोधन से हुई। इसके बाद – 21वीं में महिलाओं की सुरक्षा- विषय पर छात्रों के लिए भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस दौरान महिलाओं का यौन शोषण और वस्तुकरण तुरंत रोका जाना चाहिए। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए और कानूनों का सख्त कार्यान्वयन होना चाहिए।कार्यशाला में विशेषज्ञों के साथ संवाद भी छात्राओं ने किया। इसमें नए आपराधिक कानूनों पर चर्चा की गई। न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) जिसका उद्देश्य पुराने औपनिवेशिक कानूनों को बदलना है। इस पर विस्तृत चर्चा की गई। इसके अलावा पॉक्सो, बाल विवाह अधिनियम 2006, पीओएसएच, साइबर पर भी चर्चा हुई। अपराध, अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, 1956 और घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के बारे में में भी विशेषज्ञों ने विचार रखे। कार्यशाला में महिलाओं के कल्याण के लिए वर्तमान कानूनों और योजनाओं की जानकारी दी गई।कार्यशाला में मेजबान कॉलेज (आरकेएमवी) द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और स्किट के बीच प्रस्तुति दी गई।इस अवसर पर रूपाली ठाकुर निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, निदेशक लैंड रिकार्ड रितिका जिंदल, मोहन दत्त शर्मा अतिरिक्त निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग एसपी विजिलेंस दक्षिणी रेंज अंजुम आरा, एडीएम प्रोटोकाॅल ज्योति राणा, डीएसपी गीतांजलि ठाकुर (एचपीएस), सहित पैनलिस्ट के तौर पर हेमलता (आरकेएमवी), डॉ चंद्रिका (एचपीएनएलयू), डॉ शालिनी कश्मीरिया (एचपीयू), मौजूद रहे। इन्हें किया गया सम्मानितकार्यशाला में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।
मुख्यातिथि ने स्कूल और कॉलेज स्तर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। स्कूल स्तर की भाषण प्रतियोगिता में पहला स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला संजौली की पूर्णिमा आर्य और द्वितीय स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला समरहिल की प्राची शर्मा ने हासिल किया। वहीं कॉलेज स्तर की भाषण प्रतियोगिता में पहला स्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कॉलेज संजौली की छात्रा निकिता धीमान और द्वितीय स्थान आरकेएमवी की पारुल ने प्राप्त किया। इसके अलावा प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली छात्राओं को सांत्वना पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इनमें तन्वी, काजल, कृतिका, शालू मांटा, सिमरन और रितिका चंबियाल शामिल रही।